डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री और भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं।डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है। इन्हे बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता हैं। इनका जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। इन्हे बौद्ध आंदोलन को प्रारंभ करने का श्रेय भी जाता है। बाबासाहेब अम्बेडकर को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर के अनमोल विचार
Quote 1 : जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।
Quote 2 : पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए।
Quote 3 : हिंदू धर्म में, विवेक, कारण, और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
Quote 4 : मैं किसी समुदाय की प्रगति, महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूँ।
Quote 5 : यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।
Quote 6 : दिमाग का विकास मानव अस्तित्व का परम लक्ष्य होना चाहिए।
Quote 7 : हम पहले और अंत में भारतीय हैं।
Quote 8 : यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शाश्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
Quote 9 : जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
Quote 10 : बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
Quote 11 : मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सीखाये।
Quote 12 : एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है। जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
Quote 13 : उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।
Quote 14 : एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।
Quote 15 : लोग और उनके धर्म सामाजिक मानकों द्वारा; सामजिक नैतिकता के आधार पर परखे जाने चाहिए। अगर धर्म को लोगो के भले के लिए आवशयक मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा।
Quote 16 : क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
Quote 17 : हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है ? हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था, जो असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है को सुधार सकें।
Quote 18 : समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
Quote 19 : एक महान आदमी, एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।
Quote 20 : सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की एक बूँद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है वहां अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वो सिर्फ समाज के विकास के लिए नहीं पैदा हुआ है, बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है।
Quote 21 : हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।
Quote 22 : मनुष्य नश्वर है। उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की ज़रुरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की। नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं।
Quote 23 : जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते, क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके किसी काम की नहीं।
Quote 24 : इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
Quote 25 : आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।
Quote 26 : राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को ख़ारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी हैं।
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