Friday, August 12, 2016

Jokes


मारवाड़ के दो व्यक्ती रामा और शामा मुम्बई मे  50 वीं मंजिल पर खड़े बात कर रहे थे
रामा -  काँई रे शामा !

शामा-  काँई ?
रामा - काँई रे अटू निचे पड़ जावां तो काँई बचे...
शामा - काँई नी बचे ?
रामा - नी यार थोड़ो घणों कई तो बचे ?
शामा -  अठे तो कई नी बचे पर
घरे गरूड़ पुराण जरूर बचे.
हरियाणवी आदमी जवाब उल्टे नही देता… लोग सवाल उल्टे करते हैं। नहीं यकीन आता, तो पढ़िए मस्त जोक…
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जज: तू तीसरी बार अदालत आया है, तने शर्म कोनी आती?
आदमी: तू तो रोज़ आवे है, तने तो डूब के मर जाना चाहिए ।
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ग्राहक: थारी भैंस की एक आंख तो खराब सै, फेर भी तू इसके 25 हज़ार रुपये मांगन लाग्र्या सै?
आदमी: तन्नै भैंस दूध खात्तर चाहिए या नैन-मटक्का करन खात्तर..?????
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हज़्ज़ाम: ताऊ, बाल छोटे करने है के…?
ताऊ: बड़े कर सके है के !!
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ताऊ मास्टर से – “मेरा छोरा पढाई मै कैसा सै ?”
मास्टर -“चौधरी यू समझ ले,……आर्यभट्ट ने जीरो की खोज इसके खातिर ही करी थी ।”
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टीचर: तुम्हें पता है हमारे पूर्वज बन्दर थे।
जाट: थारे होंगे, महारे तो चौधरी थे।?
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जाट…… दिल्ली चला गया
रेलवे स्टेशन पै अखबार वाले से bola एक अखबार देना…
अखबार वाला-हिन्दी या अंग्रेजी ka
जाट ….. भाई कोईसा दे दे मने तो रोटी लपेटनी है|
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पत्नी हरियाणा पुलिस से-
जी म्हारा घरवाला 5 दिन पेहला गोभी लेन गया था
इब तक कोणी आया
हरियाणा पुलिस- फेर के होया,
कोई और सब्जी बना ले, जरुरी है गोभी बनानी .
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लाजवाब हरियाणा
हरियाणवी लड़की: पासपोर्ट साइज फोटो खींच दे, अर उसमें मेरी नई चप्पल भी आनी चाहिए
फोटोग्राफर बी हरियाणवी था। बोल्या उकड़ू बैठ जा।
एक राजा था। उसने दस खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे।
उसके दरबारियों और मंत्रियों से जब कोई मामूली सी भी गलती हो जाती तो वह उन्हें उन कुत्तों को ही खिला देता।
एक बार उसके एक विश्वासपात्र सेवक से एक छोटी सी भूल हो गयी,
राजा ने उसे भी उन्हीं कुत्तों के सामने डालने का हुक्म सुना दिया।
उस सेवक ने उसे अपने दस साल की सेवा का वास्ता दिया,
मगर राजा ने उसकी एक न सुनी।
फिर उसने अपने लिए दस दिन की मोहलत माँगी जो उसे मिल गयी।
अब वह आदमी उन कुत्तों के रखवाले और सेवक के पास गया
और उससे विनती की कि वह उसे दस दिन के लिए अपने साथ काम करने का अवसर दे।
किस्मत उसके साथ थी, उस रखवाले ने उसे अपने साथ रख लिया।
दस दिनों तक उसने उन कुत्तों को खिलाया, पिलाया, नहलाया, सहलाया और खूब सेवा की।
आखिर फैसले वाले दिन राजा ने जब उसे उन कुत्तों के सामने फेंकवा दिया तो वे उसे चाटने लगे, उसके सामने दुम हिलाने और लोटने लगे।
राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ।
उसके पूछने पर उस आदमी ने बताया कि महाराज इन कुत्तों ने मेरी मात्र दस दिन की सेवा का इतना मान दिया
बस महाराज ने वर्षों की सेवा को एक छोटी सी भूल पर भुला दिया।
राजा को अपनी गलती का अहसास हो गया।
और उसने उस आदमी को तुरंत
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भूखे मगरमच्छों के सामने डलवा दिया।
सीख:- आखिरी फैसला मैनेजमेंट का ही होता है उसपर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता…
प्राइवेट कर्मचारियों को समर्पित।

😊😊😊
छुरे चलने लगते है 😡😡😡
खुन खोलने लगता है 😡😡😡
दिमाग घुमने  लगता है.😡😡😡
जब शादी के इतने साल बाद भी ससुराल वाले कहते  है.😩😩
" गाय है गाय...माहरी छोरी"😁😁😁





















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