Thursday, July 28, 2016

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 11 सिद्धान्त, जिससे सीखा पूरे देश ने






मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर भारत के 11वें राष्ट्रपति भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार को निधन हो गया। तमिलनाडु के रामेश्वरम् में 15 अक्टूबर 1931 को जन्में डॉ. कलाम अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया करते थे।



उन्होंने कहा था कि “मैं अपने बचपन के दिन नहीं भूल सकता, मेरे बचपन को निखारने में मेरी मां का विषेश योगदान है। उन्होने मुझे अच्छे-बुरे को समझने की शिक्षा दी। छात्र जीवन के दौरान जब मैं घर-घर अखबार बांट कर वापस आता था, तो मां के हांथ का नाश्ता तैयार मिलता। पढ़ाई के प्रति मेरे रुझान को देखते हुए मेरी मां ने मेरे लिए छोटा सा लैम्प खरीदा था, जिससे मैं रात को 11 बजे तक पढ़ सकता था। मां ने अगर साथ न दिया होता तो मैं यहां तक न पहुचता”

कलाम अपनी लगन, कङी मेहनत से आगे बढ़ते गए। जीवन में अभाव के बावजूद वे किस तरह राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे ये बात हम सभी को प्रेरणा देती है। उनकी शालीनता, सादगी और सौम्यता हर एक का दिल जीत लेती थी। उनके जीवन दर्शन ने भारत के युवाओं को एक नई प्रेरणा दी। लाखों लोगों के वह रोल मॉडल हैं। डॉ. कलाम का क्रेज बच्चों और युवाओं में देखते ही बनता है। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर कलाम को ‘वेल्डर ऑफ पिपुल’ भी कहते हैं। बचपन में उन्हें ‘आजाद’ कह कर बुलाया जाता था।




डॉ. कलाम के दर्शन सिद्धांत

1- जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार एवं मेहनती होते हैं, उन्हे ईश्वर द्वारा विशेष सम्मान मिलता है। क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं।

2- किसी के जीवन में उजाला लाओ।



3- दूसरों का आशीर्वाद प्राप्त करो, माता-पिता की सेवा करो, बङों तथा शिक्षकों का आदर करो, और अपने देश से प्रेम करो। इनके बिना जीवन अर्थहीन है।

4- देना सबसे उच्च एवं श्रेष्ठ गुण है, परन्तु उसे पूर्णता देने के लिए उसके साथ क्षमा भी होनी चाहिए।

5- कम से कम दो गरीब बच्चों को आत्मर्निभर बनाने के लिए उनकी शिक्षा में मदद करो।


6- सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है।

7- प्रकृति से सिखो जहां सब कुछ छिपा है।

8- हमें मुस्कराहट का परिधान जरूर पहनना चाहिए तथा उसे सुरक्षित रखने के लिए हमारी आत्मा को गुणों का परिधान पहनाना चाहिए।

9- समय, धैर्य तथा प्रकृति, सभी प्रकार की मुश्किलों को दूर करने और सभी प्रकार के जख्मों को भरने वाले बेहतर चिकित्सक हैं।

10- अपने जीवन में उच्चतम एवं श्रेष्ठ लक्ष्य रखो और उसे प्राप्त करो।

11- प्रत्येक क्षण रचनात्मकता का क्षण है, उसे व्यर्थ मत करो।

कलाम सादा जीवन, उच्च विचार तथा कङी मेहनत के उद्देश्य को मानने वाले थे जिन्होंने सभी उद्देशों को अपने जीवन में निरंतर जीया। उनका कहना था कि … “सपने देखना बेहद जरूरी है, लेकिन सपने देखकर ही उसे हासिल नहीं किया जा सकता। सबसे ज्यादा जरूरी है जिन्दगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना।”





















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